“Learning is a lifelong process and Library is the best source to acquire knowledge from various resources…”
OUR LIBRARY MOTTO and MISSION
To Provide Right Documents/Information To The Right Reader At The Right Time
AND
Shaheed Bhagat Singh Evening College Library aims to provide an environment where students and faculty can develop Life Long Learning Development
The College Library is a Knowledge Center which has rich resources mainly in Commerce, Social Science and Humanities. It came into existence along with the foundation of the college, ie in July 1973. The college has a fully furnished, air-conditioned library. The library functions have been fully computerized and books are bar-coded and made easily accessible through OPAC (Online Public Access Catalogue).
The staff of the library is constantly enriching and updating the library. Apart from books related to the courses offered in college, the library has a rich collection of reference sources like Encyclopedias, Atlases, Dictionaries, Multivolume sets of Books, Rachnavali, Granthavali, many standards Magazines, Journals, Newspapers, previous year Question papers, Syllabus etc.
Library facilitates E-resources through Delhi University Library System (DULS) and INFLIBNET N-List project and DELNET resources and some open access resources. The orientation program is conducted at the commencement of new academic session every year.
लाइब्रेरियन संदेश
सीखना और शिक्षा ग्रहण करना आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। सर्वोत्तम गुरु वह है जो जीवन भर छात्र बने रहे और सर्वोत्तम छात्र वह है जो सदैव स्वाध्याय में लगा रहे। स्वाध्याय एवं अध्ययन शिक्षा ग्रहण करने का अंतहीन, असीमित आयाम् है। किताबें जिंदगी को बेहतर ही नहीं, खूबसूरत बनाने का भी माध्यम् है। किताबें जिंदगी को मनोरंजन, ज्ञान, सूचना एवं पथ प्रदर्शक रूपी चतुर्वृतिका से आलोकित करने में सक्षम है। जीवन कौशल की सारी विद्याएं पुस्तकों के सानिध्य में संपन्न किए जा सकते हैं। पुस्तकें आशा के नवांकुर को उर्वर भूमि प्रदान करती हैं, चेतना का पोषण करती हैं, ये कालजयी कृतियों की रजत रश्मियों के माध्यम् से भूत, भविष्य और वर्तमान का साक्षात्कार कराने में सक्षम हैं। अक्षर अनश्वर है, ब्रह्मा है, आलोक है और पुस्तकें इनके द्वारा नवसृजन का द्वार खोलती हैं। पुस्तकों की दुनिया में संसार के बड़े–बड़े विचारक, कवि, चिंतक, वैज्ञानिक, लेखक, युग क्रांति ऋषि–मुनि जीवित है। ऋषि तिरुवल्लुवर के शब्दों में "पुस्तकें सुगंधित पुष्पों के समान हैं, वे जहां जाती हैं अपने साथ मधुर सुगंध का आनंद ले जाती है।"
पुस्तकों का अध्ययन ज्ञान के प्रकाश की अंतहीन यात्रा है। इस यात्रा में पुस्तकालय (Library, Knowledge centre, Information Centre, Resource Center etc.) का बहुत अहम योगदान होता है। ज्ञान प्राप्ति का और शिक्षा के प्रसार तथा सूचना के संचार का सबसे सरल, सस्ता एवं प्रभावशाली माध्यम् पुस्तकालय होता है, जो दुनिया भर की रोचक एवं ज्ञानवर्धक किताबों को अपने में समाए हुए रखता है। " विख्यात दार्शनिक सिसरो कहते थे कि अगर आपके पास पुस्तकालय और बगीचा है, तो आपके पास सब कुछ है।" हमें अपना वजूद, अपनी शख्सियत बनाए रखने के लिए निरंतर पुस्तकों और पुस्तकालयों के सानिध्य में बने रहना चाहिए, क्योंकि ये एक विश्वसनीय मित्र, हितैषी, अभिभावक, गुरु और मंगलकारी चिकित्सक की तरह जीवन भर हमारी सहायता करती है। अंत में हम तहे दिल से आप सभी से गुज़ारिश करते हैं कि आप महत्वाकांक्षी बने, बड़े सपने देखें, ज्ञान की चाह को विकसित करें, उम्मीदों को उड़ान दें और पढ़ने की आदत को जुनून बनाएं।
The vast store of knowledge is in our libraries. This word library is such a temple of worship of Brahma in which the boon of future creation results. The library is such a sun, whose rays of knowledge illuminate the whole world and the universe.
Dr. Poonam Chaudhary Librarian